मेडिकल कॉलेज में रामगंज निवासी कैंटीन संचालक को कोरोना; कई दिन से जुकाम था, फिर भी रोज आ रहा था

जयपुर. खबर डराने वाली है। रविवार को जयपुर में एक ही दिन में 39 कोरोना पॉजिटिव मिले। ...लेकिन डर इससे भी बड़ा है। क्योंकि इनमें से एक मरीज एसएमएस मेडिकल कॉलेज की कैंटीन का संचालक है। उसके काेरोना पाॅजिटिव मिलते ही अब पूरा एसएमएस अस्पताल संकट में आ गया है। क्योंकि इस कैंटीन से करीब 50 डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ कुछ न कुछ खा चुका है। यही नहीं प्रिंसिपल ऑफिस सहित वायरोलॉजी लैब तक के स्टाफ और काम करने वाले रेजीडेंट ने भी यहां से खाना खाया है।


अब पूरा अस्पताल प्रशासन सकते में है। क्योंकि ये 50 लोग करीब 50 और लोगों के संपर्क में आ चुके हैं। जिन लोगाें ने यहां से कुछ खाया है उनसे पूछताछ की जा रही है। उन्हें क्वारेंटाइन रहने को कहा गया है। उनसे कहा गया है कि किसी को भी जुकाम, बुखार या अन्य लक्षण दिखते हैं तो तुरंत सूचित करें और सैंपलिंग कराएं। वहीं मामले की सूचना के बाद कैंटीन और स्टोर रूम को सीज कर दिया गया है।


सबसे अधिक चाैंकाने वाली बात तो यह है कि पीड़ित मिला युवक कोरोना के एपिसेंटर रामगंज का रहने वाला है। उसे कई दिन से जुकाम था इसके बावजूद वह रोज रामगंज से आ-जा रहा था। इसके बावजूद न तो उसे कैंटीन आने से रोका गया और ना ही उसकी जांच गई। अब इस लापरवाही के कारण पूरा एसएमएस संकट में आ गया है।


कैंटीन में खाने वालों की भी अब जांच होगी
कैंटीन का खाना इसके बाहर भी गया है। यही वे 50 लोग हैं जिन्होंने या तो यहां आकर कुछ न कुछ खाया या यहां से मंगाकर कुछ खाया। इन सभी लोगों की जांच की जाएगी।


एसएमएस में रामगंज से करीब 70 लोगों का स्टाफ, रोज का आना जाना
परेशानी यहीं खत्म नहीं होती। रामगंज के करीब 60-70 लोग एसएमएस अस्पताल में कर्मचारी हैं। ये रोज घर से आते-जाते हैं। न तो इनका प्रवेश रोका जाता और ना ही इनके कहीं और रहने की व्यवस्था की गई है। वह भी तब जब रामगंज कोरोना के लिए सबसे संवेदनशील इलाका है।


अब खाने विकल्प भी नहीं


कैंटीन के बंद किए जाने के बाद अब रेजीडेंट और अन्य स्टाफ के सामने खाने की भी परेशानी हो गई है। क्योंकि अस्पताल के बाहर रेस्टोरेंट और ढाबे बंद हैं।


क्वारेंटाइन के लिए परिवार और पड़ोस के 65 लोगों को दो बसों में ठूंस कर ले गए


रविवार को जयपुर में रामगंज निवासी एक बुजुर्ग की काेराेना से मौत हो गई। अब तक प्रदेश में काेराेना से मरने वाले मरीजों की संख्या 5 हो गई है। बुजुर्ग की मौत के बाद पुलिस और प्रशासन ने उनके परिवार और पड़ोस में रहने वाले करीब 60-65 लोगों को क्वारेंटाइन सेंटर भेज दिया। लेकिन यहां भी प्रशासन की लापरवाही देखने को मिली। इन सभी लोगों को रोडवेज की दो बसों में भरकर ले जाया गया। वह भी तब जब इन लोगों में संक्रमण की आशंका है।


250 टीमों ने की दस हजार परिवारों की स्क्रीनिंग


रामगंज सहित पूरे क्षेत्र में कोरोना के संक्रमण की रोकथाम के लिए 100 अतिरिक्त मेडिकल टीमों ने रविवार से घर-घर जाकर स्क्रीनिंग की। इससे पहले 150 टीमें काम कर रही थीं। यानी 250 टीमों ने रविवार को 10 हजार से अधिक परिवारों की स्क्रीनिंग की।