निचली अदालतों में 16 लाख से ज्यादा मामले पेंडिंग, 15% पांच साल पुराने तो 12% केस 10 साल से चल रहे


जोधपुर (भंवर जांगिड़). राजस्थान की निचली अदालतों में 16 लाख से ज्यादा केस पेंडिंग हैं, और इसकी बड़ी वजह है जजों के खाली पड़े पद। राज्य में जजों के 1337 पदों में से 17.65% खाली हैं। जो पद भरे हैं उनमें से भी 21% से ज्यादा एडहॉक बेसिस पर कार्यरत हैं।


राजस्थान की निचली अदालतों में पेंडिंग केसों के चक्कर में 78 हजार बुजुर्ग भी एड़ियां घिस रहे हैं। ये स्थिति तब है जब हालिया झारखंड विधानसभा चुनाव से बतौर पायलट प्रोजेक्ट बुजुर्गों को घर बैठे पोस्टल बैलेट के जरिये वोट देने की सुविधा प्रदान की गई है। 7 विधानसभा क्षेत्रों में बुजुर्गों ने इस सुविधा का इस्तेमाल भी किया। यानी अब देश में बुजुर्ग घर बैठे वोट तो दे सकते हैं, मगर न्याय नहीं पा सकते।


केस निपटाने की गति धीमी


निचली अदालतों में पेंडिंग केसों की संख्या की बात करें तो राजस्थान से बुरी स्थिति सिर्फ तीन राज्यों उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और बिहार में है। मगर कुल अदालतों की संख्या के अनुपात में पेंडेंसी देखें तो पता चलता है कि राजस्थान में केस निपटाने की गति भी धीमी है। राज्य में 1630 अदालतों में 16.75 लाख केस पेंडिंग हैं, जबकि दिल्ली में 466 अदालतों के बावजूद पेंडेंसी इसकी करीब आधी 8.45 लाख है।









































राज्यपेंडिंग केस
उत्तर प्रदेश7599593
महाराष्ट्र3785231
बिहार2846077
राजस्थान1675761
गुजरात1633295
मध्यप्रदेश1433131
दिल्ली845913
पंजाब635503

बड़ी दिक्कत महिलाओं व बुजुर्गों की


प्रदेश में पेंडिंग केसों में सबसे बड़ी दिक्कत महिलाओं व सीनियर सिटीजन्स की है। न्याय के लिए इन्हें लगातार अदालतों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। प्रदेश में 144877 महिलाएं व 78055 बुुजुर्ग न्याय की देहरी पर आस लगाए खड़े हैं।


इन 5 कोर्ट में महिलाओं के सर्वाधिक मामले

























जयपुर मेट्रो19927
अलवर9819
कोटा8540
जोधपुर मेट्रो8049
अजमेर7594

इन 5 कोर्ट में बुजुर्गों के मामले सबसे ज्यादा

























जयपुर मेट्रो7484
अलवर5920
सीकर5197
अजमेर4775
उदयपुर3815

...और न्याय की सबसे बड़ी पीड़ा


निचली अदालतों में पेंडिंग 16.75 लाख केसों में से 15% ऐसे हैं जो 5 साल से चल रहे हैं। 12% ऐसे हैं जो 10 साल से पेंडिंग हैं और 3% ऐसे जो 20 साल से पेंडिंग हैं।





























पेंडेंसीकुल केस
20 साल14400
10 साल54613
5 साल63625
3 साल109292
1 साल193674

सबसे ज्यादा पेंडेंसी जयपुर में


निचली अदालतों में पेंडेंसी सबसे ज्यादा जयपुर मेट्रो (282318) में है। इसके बाद जोधपुर, कोटा, उदयपुर अजमेर और बीकानेर का स्थान आता है।


मी लॉर्ड! कोर्ट को न्याय चाहिए



  • 236 पद राज्य में जजों के खाली हैं, इनमें डिस्ट्रिक्ट जज, सीनियर सिविल जज व सिविल जज शामिल हैं

  • 231 जज जो कार्यरत हैं वह एडहॉक बेसिस पर हैं। इनमें 122 डिस्ट्रिक्ट जज व 109 सीनियर सिविल जज हैं


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